Supreme Court Questions Sonam Wangchuk's Detention, Seeks Response from Centre & Ladakh

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और लद्दाख प्रशासन से मांगा जवाब

Supreme Court Questions Sonam Wangchuk's Detention, Seeks Response from Centre & Ladakh

Supreme Court Questions Sonam Wangchuk's Detention, Seeks Response from Centre & Ladakh

नई दिल्ली। लद्दाख के प्रसिद्ध क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तारी और रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने सख्त रुख अपनाया और केंद्र सरकार, लद्दाख प्रशासन व जोधपुर जेल अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि सोनम वांगचुक को आखिर क्यों रिहा नहीं किया जाना चाहिए।

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच के समक्ष वांगचुक की पत्नी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन आज तक परिवार को यह जानकारी नहीं दी गई है कि उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है। सिब्बल ने कहा, “यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि एक एक्टिविस्ट को चुप कराने की कोशिश है। मेरे मुवक्किल (वांगचुक) गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जो उनका संवैधानिक अधिकार है। यह संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।”

इस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति (वांगचुक) को गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी दी गई है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इन कारणों की एक विस्तृत कॉपी उनकी पत्नी को भी उपलब्ध कराई जाए।

गौरतलब है कि सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने वाले बयान देने का आरोप है और उन्हें रासुका के तहत जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है। याचिका में गीतांजलि ने मांग की है कि उनके पति को टेलीफोन पर बात करने और उनसे मुलाकात करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा जेल में उचित दवा, भोजन और कपड़ों की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी मांग की गई।